आपने लिखा.... हमने पढ़ा.... और लोग भी पढ़ें; इसलिए बुधवार 24/07/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र .... लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
मेरा मन कायल हुआ, सिमटा सावन सार | बेल पात अर्पित करे, साजन सुने पुकार | साजन सुने पुकार, बहाना किन्तु बनाए | पाया पैसे चार , तनिक कुछ और कमाए | कहे सुराना प्रीति, गरजता बादल घेरा | मन होवे भयभीत, साथ दे साजन मेरा-
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है मेरा मन कायल हुआ, सिमटा सावन सार | बेल पात अर्पित करे, साजन सुने पुकार | साजन सुने पुकार, बहाना किन्तु बनाए | पाया पैसे चार , तनिक कुछ और कमाए | कहे सुराना प्रीति, गरजता बादल घेरा | मन होवे भयभीत, साथ दे साजन मेरा- बहुत सुन्दर प्रस्तुति है कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
इस ब्लॉग की किसी भी पोस्ट को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से कहीं भी प्रकाशित करने से पूर्व उचित माध्यम द्वारा अनुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।
Followers
About Me
मेरा मन
★परिचय★
नाम - प्रीति समकित सुराना
वर्तमान निवास स्थान- वारासिवनी (मप्र)
शिक्षा - बी.कॉम.,
एम. ए. (समाज शास्त्र)
डी.ए. टी (एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट)
एम. ए. (हिन्दी)
पीएचडी (समाज शास्त्र)
कार्यक्षेत्र - व्यवसाय एवं प्रकाशन
सामाजिक क्षेत्र - गौ सेवा, समाज सेवा एवं साहित्य सेवा।
पता - c/o सुराना फैशन, 15 नेहरू चौक
पो. वारासिवनी, जिला-बालाघाट (मप्र) 481331
मो. 9009465259
व्हाट्सअप 9424765259
विधा:- स्वतंत्र लेखन
ईमेल:-
pritisamkit@gmail.com
pritisamkit17@gmail.com
antrashabdshakti@gmail.com
antrashabdshkti@gmail.com
ब्लॉग:- priti-deshlahra.blogspot.com
वेबसाइट:-
antrashabdshakti.com
pritisamkit.com
*प्रकाशित किताबें*
मन की बात (कविता संग्रह)
मेरा मन (कविता संग्रह)
दृष्टिकोण (आलेख संग्रह)
कतरा-कतरा मेरा मन (कथा संग्रह)
काश!कभी सोचा होता,.. (व्यंग्य काव्य संग्रह)
गद्य लेखन का महत्व (आलेख पुस्तिका)
विचार क्रांति (हिन्दी पर विशेष विचार संकलन)
जोगराज जी का वंशवृक्ष (परिवार परिचय)
कर्म इक्तीसा (धार्मिक पुस्तिका)
अन्तरा शब्दशक्ति (संस्था परिचय)
सुनो! (मेरे मन की बात,..)
छोटी-छोटी बातें (टेबिल कैलेंडर)
काश! कभी सोचा होता,..(गुजराती अनुवादक-रक्षित दवे 'मौन')
*पदभार*
संस्थापक एवं रा. अध्यक्ष
अन्तरा शब्दशक्ति संस्था(पंजीकृत)
प्रदेश उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय कवि संगम
आपने लिखा....
ReplyDeleteहमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 24/07/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!
dhanywad yashoda ji,..:)
Deleteबहुत बहुत सुन्दर.....
ReplyDelete..... क्षणिका मन को छूती हुई...
लाजवाब!!
उत्कृष्ट प्रस्तुति है बहना-
ReplyDeleteबधाईयाँ-
मेरा मन कायल हुआ, सिमटा सावन सार |
बेल पात अर्पित करे, साजन सुने पुकार |
साजन सुने पुकार, बहाना किन्तु बनाए |
पाया पैसे चार , तनिक कुछ और कमाए |
कहे सुराना प्रीति, गरजता बादल घेरा |
मन होवे भयभीत, साथ दे साजन मेरा-
aabhar aapka
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति है
ReplyDeleteमेरा मन कायल हुआ, सिमटा सावन सार |
बेल पात अर्पित करे, साजन सुने पुकार |
साजन सुने पुकार, बहाना किन्तु बनाए |
पाया पैसे चार , तनिक कुछ और कमाए |
कहे सुराना प्रीति, गरजता बादल घेरा |
मन होवे भयभीत, साथ दे साजन मेरा-
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
thanks
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
चर्चा मंच भी देखिए।
शायद आपका लिंक आज के चर्चा मंच पर भी हो!
dhanywad
Delete