चंद बातें हायकू में:----
तूने जो कहा
वो तो अधूरा लगा,
अनकहा सा....
पर
न कह कुछ
मै जानती हूं जो तू
न कह सका,...
पढ़ ली मैंने
नयनो की बतियां
कुछ न कह,...
क्योंकि
मौन है पर
सब कहती हैं ये
संवेदनाएं,...,
मेरा विश्वास
अधूरा नही बस
अनकहा था,....
पर
दर्पण में हूं
मैं ही तेरे मन के,
टूट गई तो???....प्रीति सुराना
समवेदनाएँ सब कहती हैं और सच भी कहती हैं।
ReplyDeleteसादर