Monday, 12 March 2012

दर्द होता है

चंद बातें हायकू में:---- 

कोई न जाने
किसी को कब या क्यूं
दर्द होता है,

बहते नही
अब आंखों से आंसू
दर्द रोता है,

किसीका दर्द
वो ही जाने बस जो
दिल खोता है,

सहूं कैसे मैं
फासले टीसते हैं
दर्द होता है,

मैं किसी से ये
दर्द छुपाऊं तो कैसे
दिल रोता है,

आंसू पोंछ ले
वो पा ले फिर से जो
दिल खोता है,.....प्रीति सुराना


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