आंखों
में नए-नए
सपनों
का सजना,
दिल
मे हजारों
अरमानो
का मचलना,
स्याह
रात में आकाश पर
तारों
का भरना,
मन के
कैनवास पर
भावों
के रंगों का बिखरना,
ये क्या
हो रहा है
जो है
कुछ अलग सा,
जिसे
जान पाना है
कुछ
इतना ही मुश्किल,
जैसे
प्रेम के ढाई अक्षर
समझने
की खातिर,
जीवन
की पूरी
वर्णमाला
को पढ़ना,,........प्रीति सुराना
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