Friday, 13 January 2012

आंसुओं के मोती



बहुत रो चुकी हूं 
मैं अब तक,

अब कुछ पल 
खुशियों में 
बिताना चाहती हूं,

आंसुओं के मोती 
दिल में संजोकर,

फिर से लब पे 
मुस्कुराहटें 
सजाना चाहती हूं,....प्रीति सुराना

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