मैं
पहले
महसूस करती हूं
एक रिश्ते का बनना
रिश्ते से हासिल अधिकार
रिश्ते से मिले दायित्व
रिश्ते की संजीदगी
मैं
फिर
महसूस करती हूं
एक रिश्ते का निर्वाह,
रिश्ते पर अधिकारों को लादना
रिश्ते के दायित्वों का बोझ उठाना
रिश्ते के प्रति कई नाकाम कोशिशें
मैं
अंततः
महसूस करती हूं
एक रिश्ते का टूटना
रिश्ते के चटखने की आवाज़
रिश्ते के टूटने का दर्द
और एक टूटा हुआ रिश्ता
शायद
यही है
हर ऐसे रिश्ते का सफर
जिसे इंसान
भावनाओ के आधार पर बनाता है
वरना खून के रिश्ते को जिंदगी भर तो
हर इंसान (कभी-कभी मजबूरीवश) निभाता है,.......प्रीति सुराना
पहले
महसूस करती हूं
एक रिश्ते का बनना
रिश्ते से हासिल अधिकार
रिश्ते से मिले दायित्व
रिश्ते की संजीदगी
मैं
फिर
महसूस करती हूं
एक रिश्ते का निर्वाह,
रिश्ते पर अधिकारों को लादना
रिश्ते के दायित्वों का बोझ उठाना
रिश्ते के प्रति कई नाकाम कोशिशें
मैं
अंततः
महसूस करती हूं
एक रिश्ते का टूटना
रिश्ते के चटखने की आवाज़
रिश्ते के टूटने का दर्द
और एक टूटा हुआ रिश्ता
शायद
यही है
हर ऐसे रिश्ते का सफर
जिसे इंसान
भावनाओ के आधार पर बनाता है
वरना खून के रिश्ते को जिंदगी भर तो
हर इंसान (कभी-कभी मजबूरीवश) निभाता है,.......प्रीति सुराना
0 comments:
Post a Comment