Friday 9 December 2011

चुनरी


चुनरी वो धानी सी,
जो थी बड़ी ही प्यारी सी,
महत्व हमें न पता था,
पर लगी बड़ी न्यारी सी,
बुजुर्गों ने बताया,
अर्थ उस चुनरी का,
कहा बड़ों ने ये,
दोनों कुलों की लाज है,
तुम्हारी और बुजुर्गों की,
इज्जत का साज है,
संभाल कर रखना,
बेटी तुम इसको,
ये तुम्हारे रूप और,
हमारी शोहरत का राज़ है,
चुनरी का अर्थ,
केवल परदा नही है,
इसी चुनरी ने रखी,
जंहा में नारी की लाज है,.....प्रीति

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