क्या करना खता की बातें अब,
क्या करना अब दिल की बातें,
क्या करना है वफा में शर्तों का,
जो भी होना है वो ही होता है,..
पर जो होता है अच्छा होता है,
एक कसक मन में उठती है,
और् दर्द दिल में होता है,
जब हम तनहा तनहा होते है,
तब ये दिल बेचारा रोता है,..
पर जो होता है अच्छा होता है,
क्या कहना और क्या सुनना,
अब रात गई और बात गई
यूही अश्को को बहने दो,
होनॆ दो जो भी होता है,...
पर जो होता है अच्छा होता है,...प्रीति सुराना
क्या करना खता की बातें अब,
ReplyDeleteक्या करना अब दिल की बातें,
क्या करना है वफा में शर्तों का,
जो भी होना है वो ही होता है,..पर जो होता है अच्छा होता है......बहुत खूब
धन्यवाद
Deleteयही तो इस जीवन की सच्चाई है
ReplyDeleteParvardigar Aalam dunia ajeeb teri;TU ek jaisa insan na dusra bnaya..
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