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कोई तो दिख जाता जैसा हो बस वैसा,..
मानव है ये कैसा बिलकुल गिरगिट जैसा,..
नीयत सबकी डोली अब जैसे को तैसा,..
मौन रहे मानवता बोले रुपया-पैसा
प्रीति सुराना
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