Tuesday, 4 February 2020

मैं और तुम मिलकर,..



मैं  और  तुम  मिलकर जब  हम होते
गगन   तले  तारों  की  छाँव  में  सोते
बातों  और  शिकायतों के  दौर चलते
कभी खूब हँसते कभी जार-जार रोते!

प्रीति सुराना

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