Tuesday, 4 February 2020

विश्व हिन्दी दिवस कबसे और क्यों मनाया जाता है?



विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, जो 1975 में आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगांठ के अवसर पर मनाया गया था। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था। 1975 से भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन होता चला आ रहा है। विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था। तब से यह हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। 

विश्व हिंदी दिवस बनाम राष्ट्रीय हिंदी दिवस 

विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस पूरी तरह से अलग है। राष्ट्रीय हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। 14 सिंतबर 1949 में संघ की विधानसभा ने हिंदी को अपनाया। जिसे देवनागरी लिपि में संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में लिखा गया था। जबकि विश्व हिंदी दिवस का फोकस वैश्विक स्तर पर भाषा को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय स्तर पर देश भर में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय हिंदी दिवस, देवनागरी लिपि में आधिकारिक भाषा के रूप में लिखे गए हिंदी के अनुकूल हैं। 

हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और उसके उपयोग के प्रोत्साहन के लिए समर्पित एक दिवस। 
14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किए।

पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 

पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नागपुर में किया था। पहले सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में मॉरीशस के प्रधानमंत्री सीवसागुर रामगुलाम थे। इनके अलावा 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भी इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। भारत के अलावा, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो जैसे देशों ने विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी की है। इसके अलावा, कई देशों में भारतीय मूल और गैर-आवासीय भारतीयों के लोग भाषा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। 

अब तक इन स्थानों पर विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित किया गया 

 * प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन - भारत, नागपुर- 10-12 जनवरी 1975 
* दूसरा विश्व हिंदी सम्मेलन - मॉरीशस, पोर्ट लुई- 28-30 अगस्त 1976 
* तीसरा विश्व हिंदी सम्मेलन - भारत, नई दिल्ली- 28-30 अक्टूबर 1983 
* चौथा विश्व हिंदी सम्मेलन - पोर्ट लुइस, मॉरीशस - 02-04 दिसंबर 1993 
* पांचवां विश्व हिंदी सम्मेलन- त्रिनिदाद और टोबैगो, पोर्ट ऑफ स्पेन- 04-08 अप्रैल 1996 
* छठा विश्व हिंदी सम्मेलन - यू.के., लंदन- 14-18 सितंबर 1999 
* सातवां विश्व हिंदी सम्मेलन - सूरीनाम, पारामारिबो- 06-09 जून 2003 
* आठवां विश्व हिंदी सम्मेलन - अमेरिका, न्यूयॉर्क- 13-15 जुलाई 2007 
* नौवां विश्व हिंदी सम्मेलन - दक्षिण अफ्रीका, जोहान्सबर्ग - 22-24 सितंबर 2012 
* दसवां विश्व हिंदी सम्मेलन - भारत भोपाल - 10-12 सितंबर 2015 
* ग्यारहवां विश्व हिंदी सम्मेलन - मॉरीशस, पोर्ट लुइस, 18-20 अगस्त 2018 

हिंदी भाषा के बारे में तथ्य 

1- हिंदी शब्द की उत्पत्ति फारसी शब्द हिंद से हुई है, जिसका अर्थ सिंधु नदी की भूमि है। 
2- हिंदी दुनिया भर के लगभग 430 मिलियन लोगों की पहली भाषा है। 
3- भारत के अलावा, भाषा नेपाल, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, फिजी और मॉरीशस में भी बोली जाती है। हिंदी और नेपाली एक ही स्क्रिप्ट साझा करते हैं - देवनागरी। 
4- हिंदी के लैंगिक पहलू बहुत सख्त हैं। हिंदी में सभी संज्ञाओं के लिंग होते हैं और विशेषण और क्रिया लिंग के अनुसार बदलते हैं। 
5- अंग्रेजी के कई शब्द हिंदी से लिए गए हैं, जैसे चटनी, लूट, बंगला, गुरु, जंगल, कर्म, योग, ठगी, अवतार इत्यादि। 
6- हिंदी संस्कृत का वंशज है। इसके शब्द और व्याकरण प्राचीन भाषा का अनुसरण करते हैं।
7- हिंदी तुर्की, अरबी, फारसी, अंग्रेजी और द्रविड़ियन (प्राचीन दक्षिण भारत) भाषाओं से प्रभावित और समृद्ध हुई है। 
8- हिंदी का सबसे पहला रूप 'अपभ्रंश' कहलाता था, जो संस्कृत की एक संतान थी। 400 ई में कवि कालिदास ने अपभ्रंश में Ikramorvashiyam लिखा। 
9- हिंदी में प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक प्रेम सागर थी। पुस्तक को लालू लाल ने प्रकाशित किया और कृष्ण की कहानियों को दर्शाया। 
10- हिंदी उन सात भारतीय भाषाओं में से एक है जिसका उपयोग वेब यूआरएल बनाने के लिए किया जा सकता है। 

विश्व हिन्दी दिवस का मुख्य उद्देश्य

विश्व हिन्दी दिवस का मुख्य उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसीलिए इस दिन को 'विश्व हिन्दी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। विश्व हिन्दी दिवस का उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना, हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना, हिन्दी के लिए वातावरण निर्मित करना, हिन्दी के प्रति अनुराग पैदा करना, हिन्दी की दशा के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है।

विशेष

भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था।

संकलनकर्ता
डॉ प्रीति समकित सुराना
संस्थापक
अन्तरा शब्दशक्ति
वारासिवनी (मप्र) 481331


0 comments:

Post a Comment