दिन बीत गया हँसते-गाते
रातें तुम बिन मुझको काटे
खुशियों के पल जुगनू जैसे
होते ही उजाला गुम हो जाते
झिलमिल तारे लगते प्यारे
मानो हों उनसे जन्मों के नाते
मौसम पल-पल रंग बदलकर
सुख-दुख के भ्रम में भरमाते
सपने जो खुली आँखों में बसते
नित मेहनत से नई राहें पाते
बादल काले, अम्बर नीला
तिरंगे के सब रंग लुभाते
इन्द्रधनुष सा है यह जीवन
प्रीत के सब रंग-रुप सुहाते
प्रीति सुराना
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