हाँ!
हम कर रहे हैं
द्वार पर टकटकी लगाए
आने वाले साल का इंतज़ार।
नया साल
जिसमें बीते साल की सारी बाधाएँ
दुख तकलीफें
असहनीय ठंड के लिए जलाए गए अलाव में
होम करके
साथ ले जाएंगे सिर्फ सुखद यादें।
माना
जीवन समय के समानुपात में ही चलता है
तो तैयार कर लिया है मन को
जीवन के मैच में सुख-दुख की
20-20 की नई पारी खेलने के लिए।
सभी को दिल से नववर्ष की शुभकामनाएँ
संस्थापक
अन्तरा शब्दशक्ति
डॉ प्रीति समकित सुराना
0 comments:
Post a Comment