Sunday, 20 January 2019

फितरत

यकीन करने की आदत थी
करते चले गए
यकीन की फितरत है
टूटना था टूट गया
अब
दर्द है, आँसू है, बेबसी है
संभाला है खुद को
इसलिए
दिल से दुआ ही निकलती है,..!

प्रीति सुराना

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