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सीने में उठा दर्द आँसू बनकर बहने लगा है, मैं कुछ कहूँ न कहूँ चेहरा सब कहने लगा है, टूटा बहुत कुछ है इन दिनों भीतर-बाहर, आजकल हर पल बिखरा-बिखरा रहने लगा है,..! प्रीति सुराना
बहुत बढ़िया
बहुत बढ़िया
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