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रिश्ते दिखाने या फिर जताने के लिए नहीं रिश्ते मेरा-तेरा क्या ये बताने के लिए नहीं रिश्ते तन-मन-धन से नहीं आत्मा से निभें रिश्ते जीवंत हो, मजबूरी में निभाने के लिए नहीं,..!
प्रीति सुराना
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