copyrights protected
दिखना और होना कब एक हुआ है, खुश दिखती हूं बस सबकी दुआ है, मेरे अपने न हों जाएं उदास मेरे साथ, इसलिए मेरे लबों को मुस्कुराहटों ने छुआ है,..
प्रीति सुराना
No comments:
Post a Comment