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साथ सबका संवेदना से भरा अंतरा में है
अंतरा में है प्रेम अपनापन आस व स्वप्न
आस व स्वप्न करता है प्रेरित सृजन करो
सृजन करो अंतरा का आंगन बने समृद्ध
प्रीति सुराना
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