"मेरा मन"
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Friday, 26 March 2021
जिंदगी एक किताब है
एक ऐसी किताब
जिसके शब्द सिमटे हुए हैं
दो ही शब्दों के मध्य
मगर फिर भी है
इसमें विस्तार असीमित
मेरे,......,तुम
सुनो!
वक्त मिले तो पढ़ना कभी
मेरी जिंदगी एक किताब है,.मेरे तुम!
डॉ प्रीति समकित सुराना
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