Friday, 26 March 2021

गले लगाकर रोया वो...!

समय सब समझता है
जानता है 
प्रेम-गुस्सा, 
सफलता-असफलता,
सुख-दुख,
आशा-निराशा,
होता है वो भी दुखी
अपने किये पर
जब अच्छे काम का अच्छा परिणाम
नहीं दे पाता
क्योंकि अच्छे-बुरे समय पर 
उसका खुद का बस नहीं चलता,
समझने लगी हूँ मैं
समय की पीड़ा
इस बार जब मिला मुझसे
मुझे गले लगाकर रोया वो,..!

डॉ प्रीति समकित सुराना

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