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आज अर्जी लगाई है तेरे दिए हर ज़ख्म के लिए, खुदा की अदालत में एक खास गुज़ारिश के साथ, कि मुकदमे की सुनवाई हर बार उसी तारीख पर हो, जिससे जुड़ी हो तेरी-मेरी बातें कोई खुशी वाली।
प्रीति सुराना
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