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एक याचना मेरे इष्ट से है भावों का अतिरेक, कायम रखूँ भरोसा सबका हो कथनी करनी एक, प्रेम सभी से बना रहे छल से न कोई नाता हो रिश्ते चाहे कम रहें पर नीयत हो मेरी नेक!
प्रीति सुराना
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