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हाल या हालात जब भी बिगड़ते हैं गलती केवल एकतरफा नहीं होती हाँ! मगर सच ये भी है प्यार और समर्पण में ये बातें लागू नहीं होती क्योंकि उनका मोल ही तब है जब स्वीकारा जाए,...!
प्रीति सुराना
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