भावों की सरिता में डूबा नीर सा तरल,
निगल गया आज जिसे काल का गरल,
युगों-युगों तक अपने ही गीतों में जीयेगा
नीरज का व्यक्तित्व सौम्य, सहज, सरल,..
भावभीनी श्रद्धांजलि
डॉ. प्रीति सुराना
copyrights protected
भावों की सरिता में डूबा नीर सा तरल,
निगल गया आज जिसे काल का गरल,
युगों-युगों तक अपने ही गीतों में जीयेगा
नीरज का व्यक्तित्व सौम्य, सहज, सरल,..
भावभीनी श्रद्धांजलि
डॉ. प्रीति सुराना
0 comments:
Post a Comment