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नहीं है पसंद यूं अंधेरों को सहना या कोई ख्वाहिश ज़माने से कहना चल रे ओ सूरज मैं ले चलूं तुझे घर अब तू हमेशा मेरे ही संग में रहना,....प्रीति सुराना
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