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सुनो!
परखना नहीं है मुझे तुमको क्योंकि यकीन है तुमने मुझे परखकर ही चुना है।
और तुम रहते हो अडिग फैसलों पर अपने कुछ गैरों से ये भी सुना है।
प्रीति सुराना
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