Thursday 9 February 2017

तुम दोगे *साथ* मेरा,..


सुनो!
सालों पुराने रिश्ते में
चलो
आज कुछ नया करते हैं,..
आज से
सारे कर्तव्य मेरे,
और
सारे अधिकार तुम्हारे,
ऐसा करने से
जो रिश्ते हमारे बीच हैं
कुछ अनमने से,
कुछ विचलित से,
कुछ नाजुक से,
शायद
वो आसानी से निभ जाएंगे,..
सुना है
रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,
रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है...!!
कहो न!
तुम दोगे *साथ* मेरा,... प्रीति सुराना

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