"मेरा मन"
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Friday, 13 December 2019
उमस
आँख है भरी-भरी सी जाने क्यूँ?
भारी-भारी सा है मन जाने क्यूँ?
मौसम उदास सा होने लगा है आजकल,
उमस अंतस की पिघलने लगी है जाने क्यूँ?
प्रीति सुराना
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