यादों के कुछ अनमोल मोती
ये तीज-त्यौहार
लेकर आते हैं
साथ अपने
खुशियों के
मिलने-मिलाने के
गिले-शिकवे भुलाने के
फुरसत के कुछ पल बिताने के
यादों के खजाने बनाने के
अनगिनत बहाने
क्योंकि
डिजिटल युग में
भावनाओं को ज़िंदा रखना है
तो जरूरी है परम्पराओं को ज़िंदा रखना,..!
किसी बहाने ही सही
मैं पा लेती हूँ अपनों का साथ
कभी आप भी आना
देखने मेरे अंगना में खुशियों की झिलमिल
और दे जाना यादों के कुछ अनमोल मोती
मेरे खजाने के लिए,...!
प्रतीक्षारत
प्रीति सुराना
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