Monday, 23 September 2019

मन की आवाज़

कुछ अधूरे  सपनों ने  फिर उड़ान भरी है आज,
हिम्मत कभी  हारी  नहीं  इस बात पर  है नाज,
साथ है  आशीष बड़ों  का और बच्चों का प्यार,
इसलिए सुनती हूँ हरदम अपने मन की आवाज।

प्रीति सुराना

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