Tuesday, 20 August 2019

भादो आया

भादो आया

सावन तो बीत गया था
बिना पलकों को भिगाये,
तभी बादल खूब बरसे
भादो ने तेवर बतलाये,
जी सकते हैं रोये बिना
बस मैं सोच ही रही थी,
सब ने रंग बदल लिया
क्या अपने क्या पराये,...!

प्रीति सुराना

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