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जाओ बसा लो खुशियों का जहाँ, हम करेंगे दुआ ये हरपल यहाँ, जिस राह पर भी कदम तुम रखो, दूर हो कांटे और बिछे हो फूल वहाँ, .. प्रीति सुराना
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