Saturday 29 April 2017

*इच्छामृत्यु की सुविधा*

हाँ !!!
महसूस कर सकती हूं
वो पीड़ा
जो तीरों की मृत्युशय्या पर
पड़े रहकर
इच्छामृत्यु के वरदान के बावजूद
अपनी आत्मा से प्रिय
परिवार को मिटते देखते हुए
पल-पल
महसूस की होगी
भीष्मपितामह ने,..
मरणांतक कष्ट उठाते हुए
किसी रिश्ते से एक एक भाव
प्रेम,निष्ठा, विश्वास, उम्मीद
आदि-आदि को
पल-पल मरते देखने की
विवशता के बावजूद
चुभती परिस्थितियों में पड़े
एक रिश्ते को
मृत्युपर्यन्त निभाने की
वचनबद्धता,..
अगाध प्रेम
और समर्पण,..
जबकि
*इच्छामृत्यु की सुविधा*
तो आजकल हर रिश्ते में है,..

प्रीति सुराना

1 comment: