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चीजें होती है उपयोग करके छोड़ने के लिए भावना नहीं, आस्था होती है समर्पित प्रभु के चरणों में कामना नहीं, मीरा ने पीया था विष और राधा ने सहा था विरह , सच्चे प्रेम की सार्थकता में समर्पण है वासना नहीं,... प्रीति सुराना
उत्तम विचार!
सुन्दर पंक्तियाँ
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